देर रात मंडी भारसाधक व सचिव के हस्ताक्षर से जारी हुआ नीलामी निरस्त का आदेश

नीमच। नवीन कृषि उपज मंडी में व्यापारियों को आवंटित किए जाने वाले भूखंडों की नीलामी प्रक्रिया में पहले और दूसरे दिन की नीलामी का सभी ने स्वागत किया। पारदर्शी पूर्ण हुई आवंटन प्रक्रिया से जहाँ एक और व्यापारियों के बीच हर्ष का माहौल है, तो वहीं मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड को भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति भी यहां हुई है।
सूत्रों ने बताया कि चंगेरा स्थित नवीन कृषि उपज मंडी में भूखंड आवंटन की इस व्यवस्था में ऐसा घालमेल भी सामने आया है, जहां शुक्रवार की नीलामी के तीसरे दिन की नीलामी में कुछ व्यापारियो को सुनियोजित भूखंड आंवटित किए गए है। मिली जानकारी अनुसार बताया जा रहा है शुक्रवार की अंतिम भूखंड दिन नीलामी प्रक्रिया में कुछ व्यापारियो का नीलामी में हिस्सा लेने से दूर रख व्यापारियों को चयनित कर उनके लिए न्यूनतम दामों पर भूखंड आवंटन सुनिश्चित किए गए है। मामले में लहसुन, प्याज और मूंगफली के करीब 60 व्यापारियों को भूखंड नीलामी में शामिल नहीं किया जा रहा है। उनकी सीधी सांठगांठ बताई जा रही है। इससे नाराज व्यापारियों ने गुरुवार शाम मंडी कार्यालय पहुंचकर नाराजगी जताते हुए हंगामा किया। मंडी अधिकारियों ने तीसरे दिन की नीलामी में घपलेबाजी उजागर होने के चलते देर रात को शुक्रवार को होने वाली नीलामी प्रक्रिया को प्रतिस्पर्धात्मक दरें बोली में नहीं होने का कारण बताकर इस नीलामी को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया।
गौरतलब है कि शुक्रवार को होने वाली भूखंड नीलामी में सब कुछ पहले से तय हो चुका था? प्याज, लहसुन और मुंगफली उपज को नीलामी में हिस्सा लेने से दूर रखा गया था। उनके लिए अलग से मंडी प्रशासन ने व्यवस्था कर दी है? ऐसे में मंडी व्यवसायी को लेकर कई लोग आक्रोशित हो गू। मंडी में रोजमर्रा के काम करने वाले व्यापारियो को भूखंड नीलामी में शामिल किया गया जबकि लहसुन, प्याज और मुंगफली के व्यापारियों की अलग से व्यवस्था की गई है।
सूत्र बताते हे कि वर्ष 2024 में 300 भूखंड आवंटित किए गए, जिसमें बोली सिस्टम को दूर रखा गया। ओर वर्तमान में भी नवीन मंडी में भूखंड आवंटन को लेकर बड़ा घालमेल किया जा रहा है। जिसमें कुछ व्यापारियों को नीलामी से छूट देकर सिस्टम पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है। बताया जा रहा है कि अन्य व्यापारियों के लिए नीलामी सिस्टम से बोली लगाकर राजस्व की दिखावटी कमाई के कारण बोली प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया। जबकि व्यापारी हर वर्ग के लिए सामान्य होते हे। ऐसे में मंडी नीलामी में जो वाक्या सुनने को मिल रहा है, वो किसी के जहन में नहीं उतर रहा है। नवीन मंडी में लहसुन, प्याज और मुंगफली के व्यापारियो को छूट देना कहां तक उचित है। यदि मंडी प्रशासन ने ऐसी कोई नई गाइड लाइन बनाई हो तो उसका खुलासा करना चाहिए था। नीलामी से पहले प्रादेशिक अखबार में विज्ञप्ति जारी नही की गई। अपने अपने को रेवड़ी बांटने में मंडी प्रशासन की भूमिका अब तक संदिग्ध बनी हुई है।
आखिर ऐसा क्या कारण है कि लहसुन, प्याज और मूंगफली व्यापारियों को भूखंड तय दर पर दिए जाने की तैयारी कर ली गई थी।। उन्हें बोली सिस्टम में शामिल नहीं किया जा रहा था।जबकि अन्य व्यापारियों को बोली सिस्टम में फंसा कर राजस्व बढ़ावा दिया गया। ऐसे में लहसून, प्याज और मूंगफली के व्यापारियों को नीलामी से दूर रख मंडी प्रशाशन खुद पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। मंडी बोर्ड की कलाकारी से नाराज कुछ व्यापारियों में पुरानी मंडी में अपने पक्ष रखते हुए हंगामा किया है। इन्हें सचिव ने आश्वासन दिया और मंडी बोर्ड ने तीसरे दिन की नीलामी प्रक्रिया निरस्त कर अपने क्रियाकलाप पर पर्दा ढांक लिया है।












