
3 साल 6 माह 10 दिन में एनडीपीएस एक्ट विशेष कोर्ट ने सुनाया फैसला, सीबीएन नीमच व मंदसौर के अधिकारियों की टीम ने 26 अगस्त 2021को की थी छापामार कार्रवाई

नीमच ( सगीर पठान) । शहर में स्कीम नंबर 36 में औद्योगिक क्षेत्र स्थित तस्कर बाबू सिंधी के गोदाम पर सीबीएन नीमच व मंदसौर के अधिकारियों की विशेष टीम ने 26 अगस्त 2021 की सुबह 11.30 बजे दबिश डाली थी। जहां 36 घंटे की कार्रवाई के बाद सीबीएन ने 255 क्विंटल मादक पदार्थ जिसमें पिसा हुआ डोडाचूरा, गेहूं में मिला डोडाचूरा, पोस्ता कालादाना, धोलापाली आदि जब्त कर मौके से तस्कर जय कुमार सबनानी उर्फ बाबू सिंधी सहित अनुराग ऐरन, राजेन्द्र शर्मा को सीबीएन टीम ने एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार किया था। जांच पूरी कर सीबीएन ने एक साल बाद विशेष कोर्ट में 1650 पेज की चार्ज शीट पेश की थी। 3 साल 6 माह 10 दिन में सुनवाई पूरी हुई और शनिवार शाम को विशेष न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए बाबू, अनुराग व राजेन्द्र को 15-15 की सजा व दो-दो लाख रुपए जुर्माने से दण्डित किया। जबकि प्रकरण में अशोक डांगी, सौरभ कोचटटा, प्रकाश उर्फ गोलू मोटवानी, पंकज कुमावत, कैलाश गादिया को कोर्ट ने साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया गया।
गौरतलब है कि तस्कर बाबू सिंधी औद्योगिक क्षेत्र में एक गोदाम को मादक पदार्थ का सेंटर पाइंट बनाकर गेहूं , सोयाबीन से भरी बोरियों में पीसा हुआ डोडाचूरा मिलाकर तस्करी के लिए राजस्थान, पंजाब, हरियाणा में तस्करों तक पहुंचाता था। तस्कर बाबू ने अपना सिंडीकेट चलाने के लिए खाकी से दोस्ती कर रखी थी। इसके कारण पुलिस ने कभी उसके गोदाम पर दबिश नहीं डाली। सीबीएन मप्र यूनिट के उप नारकोटिक्स आयुक्त डॉ. संजय कुमार ने पद संभाला और सबसे पहली कार्रवाई बाबू सिंधी के गोदाम पर की। सबसे बड़ी कार्रवाई होने से बाबू के सिंडीकेट में शामिल पोस्ता व्यापारी व सहयोगी भूमिगत हो गए। सीबीएन टीम को इस प्रकरण में कड़ी से कड़ी जोड़ने में समय लगा। इसलिए सीबीएन टीम ने कोर्ट से चार्ज शीट पेश करने के लिए 6 माह का समय मांगा। इस तरह एक साल बाद सीबीएन ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की। जांच में खुलासा किया गया था कि अंतरराष्ट्रीय तस्करी के इस गिरोह में मंडी के व्यापारी, पुलिसकर्मी और तस्कर शामिल थे। सीबीएन ने प्रकरण में बाबू सिंधी सहित 10 आरोपियों पर एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान के पश्चात विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट के समक्ष चालान पेश किया।
सीबीएन की तरफ से 10 गवाहों के बयान इस प्रकरण में दर्ज किए गए। बीते एक सप्ताह पहले न्यायालय ने फैसले के लिए प्रकरण सुरक्षित रख लिया था। इस प्रकरण में शनिवार देर शाम को विशेष न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए जयकुमार सबनानी उर्फ बाबू सिंधी और उसके साथी राजेंद्र शर्मा, अनुराग ऐरन को 15—15 साल की सजा सुनाई व अन्य पांच आरोपियों को बरी कर दिया है।
कोर्ट ने माना बाबू सिंधी ही मुख्य सरगना
प्रकरण में कोर्ट ने तस्कर बाबू सिंधी को ही मुख्य सरगना माना। बाबू सिंधी की तरफ से बचाव पक्ष में दिया गया था कि गोदाम कैलाश गादिया का है, उसने उसे किराए पर दे रखा था, लेकिन सीबीएन ने किराएदारी का एग्रीमेंट फर्जी साबित कर दिया। ऐसी स्थिति में कोर्ट ने कैलाश गादिया को दोषमुक्त किया।
फर्जी दस्तावेज से पैरोल पर बाहर आया और फायरिंग करवाई
तस्कर बाबू सिंधी को 19 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट इंदौर से एक महीने की पैरोल उसके बेटे को गंभीर बीमार होने पर मिली थी। बाद में हाईकोर्ट से 19 फरवरी 2024 तक पैरोल की अवधि बढाई थी। अवधि बढ़ाकर बाबू सिंधी ने शार्प शूटरों के साथ मिलकर 4 फरवरी 2024 को समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर पर हमला किया। हाईकोर्ट इंदौर में प्रस्तुत की गई मेडिकल रिपोर्ट की रतलाम के सविल सर्जन डॉ.एम.एस. सागर ने जांच की तो फर्जी निकली। इस पर डॉ. जीवन चौहान और डॉ. रवि दिवेकर को निलंबित कर दिया था। समाजसेवी अरोरा पर फायरिंग का मामले में भी बाबू सिंधी और उसके साथियों की जमानत नहीं हुई है। बाबू सिंधी सहअभियुक्त अनुराग ऐरन की क्रेटा कार उसके पिता से मांगकर ले गया था, जिसका उपयोग बाबू सिंधी व शार्प शूटरों ने फायरिंग करने में किया। जांच में पता चला कि बाबू सिंधी ने ही अनुराग ऐरन को यह क्रेटा कार गिफ्ट में दी थी।
गोदाम किरायेदारी का एग्रीमेंट भी फर्जी
तस्कर बाबू सिंधी ने अपने आप को बेगुनाह साबित करने के लिए कई हथकंडे अपनाए। औद्योगिक क्षेत्र 5/6 में स्थित गोदाम को बाबू सिंधी ने कूटरचित दस्तावेज के आधार पर सहअभियुक्त कैलाश गादिया का होने का दावा किया, लेकिन सीबीएन ने बाबू सिंधी द्वारा किराएदारी का प्रस्तुत एग्रीमेंट को फर्जी साबित कर दिया।
10 आरोपी, तीन को सजा, पांच दोषमुक्त, दो अभी भी फरार
सीबीएन की जांच टीम नेए प्रकरण में 10 आरोपी बनाए थे। इस प्रकरण में साक्ष्य के अभाव में अभियुक्त अशोक डांगी, सौरभ कोचटटा, प्रकाश उर्फ गोलू मोटवारी, पंकज कुमावत, कैलाश गादिया को दोषमुक्त कर दिया है। बाबू सहित तीन को सजा सुनाई है। जबकि दो आरोपी विनोद गुर्जर व शिवचरण गुर्जर झालरी अभी फरार है, इनके बारे में कोई निराकरण नहीं हुआ।
जहां काटा था बंदूक से केक वह फार्म हाउस जमींदोज

चौथखेडा हाईवे के पास स्थित फार्म हाउस पर बाबू ने वर्ष 2021 में अपना जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया था। फार्म हाउस पर बर्थडे पार्टी में 12 बोर बंदूक से केक काटा था। बाबू ने अपने फार्म हाउस को अवैध गतिविधियों का केंद्र बना रखा था। समाजसेवी अरोरा पर फायरिंग कांड के बाद पुलिस व प्रशासन ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए अवैध फार्म हाउस को जमींदोज कर दिया। 12 बोर बंदूक से केक काटने पर नीमच सिटी थाने में 25 आर्म्स एक्ट में प्रकरण दर्ज हुआ था। बाबू सिंधी के खिलाफ मंदसौर में भी 2 एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण दर्ज है।












