प्रसिद्ध समाजसेवी अरोरा की बढ़ती लोकप्रियता को कम करने का षड्यंत्र हुआ उजागर

नीमच। शहर में दूसरों के कंधे पर बंदूक रखकर निजी स्वार्थ साधने व व्यक्तिगत छवि को किस तरह से धूमिल की जाती है यह पिछले दिनों नजर आया है। शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर के दुश्मन अपने ही बन गए है जो इनके टुकडों पल रहे थे, वे ही अब पर्दे के पीछे रहकर पुलिस, प्रशासन को गुमराह करने में जुटे हुए हैं। अपने आप को डॉन साबित करने के लिए कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी के साथ मिलकर राकेश अरोरा (सगा भाई) ने 4 फरवरी 2024 को समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर पर जानलेवा हमला करवाया। हमले के पीछे इनकी योजना थी कि अशोक अरोरा को मार देने के बाद नीमच के डॉन बन जाएंगे लेकिन उनका सपना उसी वक्त चकनाचूर हो गया। मां भादवामाता के अशीर्वाद से समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर को गोली बाएं हाथ से गुजर गई। इसके बाद वे अब नए तरीकों से समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर को डेमेज करने में जुटे हुए है। नीमच से लेकर भोपाल तक इन कथित शिकायतों को हवा देकर पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन गुप्तचर एजेंसियां झूठी शिकायतों की स्थिति से वाकिफ है और नीमच के हर व्यक्ति जानता है कि झूठी शिकायतें करने के पीछे प्रसिद्ध समाजसेवी अरोरा की बढ़ती लोकप्रियता को कम करना है।
नीमच में बदमाशों की एंट्री करवाकर डॉन बनने की कोशिश का भंडाफोड़
4 फरवरी 2024 को समाजसेवी अशोक अरोरा पर इंदौर के शूटर बाबू फकीर व अन्य शूटरों से फायरिंग करवाई। अरोरा इस हमले में बाल—बाल बच गए। पुलिस की जांच में सामने आया कि राकेश अरोरा और कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी ने यह हमला नीमच में डॉन बनने के लिए करवाया था। लेकिन इस योजना में वे फेल हो गए। बाबू सिंधी सलाखों के पीछे है वहीं राकेश अरोरा जमानत पर है। जमानत पर रहते हुए उनके बड़े भाई अशोक अरोरा के खिलाफ झूठी शिकायतें करवाकर डेमेज करने में जुटा हुए है। इसके लिए धनबल का भी उपयोग हो रहा है। राकेश अरोरा और उसके पुत्र दानिश के महिला संबंधित शौक के चर्चे बीते कई सालों से नीमच में है, लेकिन इनके रसूख के कारण पीड़ित महिलाएं सामने नहीं आती है।
दैनिक भास्कर में छपवाया आधे पेज का विज्ञापन
दैनिक भास्कर अखबार में धनराज चौधरी उर्फ लाला चौधरी के नाम से एक कथित शिकायत का आधा पेज का विज्ञापन छपवाया। जिसमें आरोप लगाया कि अशोक अरोरा उसके मकान को लेना चाहता है। जबकि हकीकत यह है कि लाला चौधरी ने खुद एक महिला के साथ धोखाधड़ी कर उक्त मकान को हड़प रखा है। इसका मामला माननीय हाईकोर्ट में लंबित है। धनराज उर्फ लाला चौधरी से पीड़ित एक महिला ने सीएम हेल्प लाइन से लेकर पुलिस प्रशासन को शिकायतें की है। लेकिन उसे आज तक इंसाफ नहीं मिला है। दैनिक भास्कर ने लाखों रुपए लेकर विज्ञापन छापा, ताकि व्यक्तिगत छवि को खराब किया जा सके और शासन स्तर पर अशोक अरोरा की छवि धूमिल की जा सके। लेकिन सांच को आंच कहां। विज्ञापन की हकीकत भी सामने आ गई। विज्ञापन को देखकर आम पाठकों का सवाल है कि क्या विज्ञापन देकर भास्कर में कुछ भी छपवाया जा सकता है… क्या कोई बनावटी व कथित शिकायत भी विज्ञापन के रूप में लगाई जा सकती है…..
धनसिंह वर्मा— एक समय धनसिंह वर्मा अशोक अरोरा के नाम का दुरूपयोग करता था, व। जब अरोरा को यह पता चली तो उन्होंने सार्वजनिक रूप से धनसिंह वर्मा से नाता तोड़ दिया। इसके बाद धनसिंह वर्मा भी राकेश के साथ मिलकर झूठी शिकायतें करने में जुटा हुआ है। धनसिंह उर्फ धन चाचा पर कई गंभीर शिकायतें भी पुलिस प्रशासन में लंबित है। इन शिकायतों से बचने के लिए वह राकेश अरोरा के इशारें पर झूठी शिकायतें करने में जुटा हुआ है।
असली माफिया कौन
समाजसेवी अशोक अरोरा की छवि को झूठी शिकायतों के माध्यम से धूमिल करने का कृत्य पिछले तीन-चार महिनों से किया जा रहा है। पर्दे के पीछे भूमाफिया है, जो रिश्तेदार भी है। भाजपा से जुड़े हुए पिता—पुत्र पर्दे के पीछे रहकर झूठी शिकायतें करवा रहे हैं। ये वही पिता—पुत्र है जो जमीनों पर अवैध कब्जे, फर्जी रजिस्ट्री के पिछले एक वर्ष के दौरान कई मामलों में आरोपी बन चुके है। इनकी सरेआम गुंडागर्दी नीमच वासियों ने देखी है।
गिरोह बनकर कर रहे है काम
राकेश अरोरा ने निजी स्वार्थों के खातिर सगे भाई अशोक अरोरा की हत्या करवाने के लिए लाला—पठानों के माध्यम से गोलियां चलवाई, लेकिन वे अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए। वर्तमान में पूरा गिरोह बनाकर काम कर रहे है। इस गिरोह में राकेश अरोरा, भाजपा से जुडे हुए पिता—पुत्र, दो तीन शिकायती तत्व आदि शामिल है, जो कथित शिकायतों के माध्यम से अपने मकसद में कामयाब होना चाहते है, पर इनका गिरोह बेनकाब हो गया है। राकेश अरोरा, उसके पुत्र दानिश, भाजपा के पिता—पुत्र, धनसिंह वर्मा, लाला चौधरी की कॉल डिटेल्स निकाली जाए तो गिरोह का पर्दाफाश आसानी हो जाएगा।











