आरोपी अर्जुन मीणा व सहयोगी बंटी गिरफ्तार, एसपी ने मीडिया से चर्चा में वारदात से उठाया पर्दा

नीमच (सगीर पठान)। शहर के बंसल चौराहा स्थित सिंहल मल्टी के तीसरे फ्लोवर शुक्रवार शाम 7.30 बजे से 8 बजे के बीच एक फ्लैट में रहने वाली लीलादेवी गोयल की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद बदमाश मौके से भाग गया था। लीलादेवी के पति रात करीब 8 बजे घर पहुंचे तो घर का दरवाजा खुला था। पत्नी पीछे वाले कमरे में बेड पर खून से लतपथ पड़ी थी। इस घटना से शहर में हड़कंप मच गया था। एसपी अंकित जायसवाल, एएसपी सिसोदिया, कैंट टीआई पुष्पा सिंह चौहान सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंची। एफएसएल टीम को भी बुलाया गया। जिसने घटना स्थल से साक्ष्य जुटाए। एसपी जायसवाल ने पांच टीमों का गठन किया। पुलिस व सायबर सेल टीमों ने घटना स्थल सहित आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसमें वारदात करने वाला संदिग्ध व उसका सहयोगी कैद हुआ। घटना के 24 घंटे में दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिनके द्वारा वारदात करना कबूल किया। इनकी निशानदेही पर हत्या में उपयोग किया चाकू व आरोपी अर्जुन मीणा को घटना के बाद बघाना स्थित घर तक छोड़ने में बंटी कुम्हार द्वारा जिस बाइक का उपयोग किया वह भी बरामद कर आरोपी अर्जुन द्वारा लीलादेवी के घर से चोरी किए 1 लाख 60 हजार रुपए भी बरामद कर लिए। सभी साक्ष्य जुटाने के बाद रविवार दोपहर एक बजे पुलिस कंट्रोल रूम पर एसपी अंकित जायसवाल ने मीडिया से चर्चा करते हुए इस हाई प्रोफाइल अंधे कत्ल का खुलासा किया।
घटना का संक्षिप्त विवरण
11 जुलाई की रात फरियादी गिरधारीलाल (74) पिता ताराचंद गोयल निवासी सिंहल मल्टी आर्शीवाद भवन बंसल चौराहा फ्लेट नंबर 305 तीसरी मंजिल नीमच ने थाना उपस्थित होकर बताया कि मैं अपनी दुकान रात करीब 8.15 बजे बंद कर घर पहुंचा। जहां दरवाजे पर धक्का देकर अंदर गया तो पत्नी लीला देवी बैडरूम में चित्त अवस्था में पड़ी हुई थी। उसकी गर्दन से खून निकला होकर पूरा बिस्तर पर खून से सना हुआ था। मैंने पत्नी को हिलाकर देखा तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी। मैंने मेरे भतीजे मनीष पिता द्वारिका प्रसाद गोयल व अनिल गोयल, सुशील गोयल को फोन से यह घटना बताई। तीनों भतीजे मेरे घर पहुंचे। कोई अज्ञात बदमाश मेरी पत्नी के गर्दन के बाँयी तरफ जबड़े के नीचे धारदार हथियार से वार करके उसकी हत्या करके चला गया। सूचना पर कैंट थाने पर अपराध क्रमांक 367/2025 धारा 103 भारतीय न्याय संहिता का अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया। घटना कि गंभीरता को देखते हुए एसपी अंकित जायसवाल ने एएसपी नवल सिंह सिसोदिया, सीएसपी किरण चौहान के मार्गदर्शन में अंधे कत्ल प्रकरण की पतारसी, आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के लिए कैंट टीआई के नेतुत्व में थाना कैंट, सायबर सेल व अन्य पुलिस थाने की संयुक्त टीम गठित की।
विवेचना में पुलिस टीमों ने घटना स्थल, उसके आसपास सहित आरोपियों के भागने के मार्गो के सीसीटीवी कैमरों एवं तकनिकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया। हत्या करने वाले आरोपी की सीसीटीवी फुटेज प्राप्त कर मुखबीर तंत्र से पतारसी करते मृतिका लीला देवी की हत्या में संदिग्ध अर्जुन मीणा निवासी बघाना द्वारा करने की सूचना पर उक्त् संदिग्ध की तलाश कर पुलिस टीमों ने उसके निवास पर दबिश देकर मुख्य आरोपी अर्जुन (34) पिता मुन्नालाल मीणा निवासी नाक नंबर 4 बचाना नीमच को गिरफ्तार कर पूछताछ की। आरोपी अर्जुन मीणा ने बंसल चौराहा स्थित सिंहल मल्टी में गिरधारीलाल गोयल के फ्लेट नंबर 305 में चोरी की वारदात को अंजाम देने के दौरान लीला देवी की गर्दन पर चाकू से वार कर हत्या करना स्वीकार किया। आरोपी अर्जुन मीणा की निशादेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू व चोरी किए 1 लाख 60 हजार रुपए जब्त किए।
वारदात के बाद आरोपी को घर छोड़ने वाला सहयोगी भी गिरफ्तार
वारदात के पहले आरोपी मल्टी के आसपास घूमते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। यही फुटेज पुलिस के लिए अहम सुराग साबित हुए। लीलादेवी की हत्या के बाद आरोपी मल्टी से नीचे आया जहां उसका दोस्त लाभचंद उर्फ बंटी (43) पिता कन्हैयालाल कुम्हार निवासी गली नंबर 4 बघाना बाइक लेकर खड़ा था। वह आरोपी अर्जुन को बाइक पर बैठाकर उसके घर छोड़कर आया था। पुलिस ने बंटी को भी गिरफ्तार कर प्रकरण में आरोपी बनाया और बाइक भी जब्त की।
आरोपी ने डेढ़ साल पहले गोयल के फ्लैट की पुताई की थी
आरोपी अर्जुन पहले पुताई का काम करता था। डेढ़ साल पहले उसने गोयल के फ्लैट की पुताई की थी। बुजुर्ग दंपती अकेले रहते थे। वह पूरे घर की स्थिति से वाकिफ होकर सभी से पूर्व परिचित था। धनाढ्य परिवार होने से 6 माह पहले इसी फ्लैट में 32 हजार रुपए की चोरी की थी। जिसका खुलासा नहीं हो सका था। इसी का फायदा उठाकर आरोपी अर्जुन ने बड़ी चोरी की नियत से 5-6 बार रैकी कर प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो सका था।
24 घंटे में साक्ष्य जुटाकर आरोपी तक पहुंची पुलिस, टीमें सम्मानित


पूरी टीम सम्मानित अंधे कत्ल का खुलासा करने के लिए बनाई टीमें में शामिल कैंट टीआई पुष्पा सिंह चौहान, उप निरीक्षक असलम पठान, प्रधान आरक्षक प्रदीप शिंदे (प्रभारी सायबर सेल), प्रधान आरक्षक श्रीपाल सिंह, आजाद सिंह, देवीलाल डिगा, आदित्य गौड़, आरक्षक सर्वेश यादव, राजेश चौधरी, मनीष माली (थाना रामपुरा), प्रहलाद गुर्जर, आरक्षक राजेश जाट, आरक्षक राहुल सोलंकी, आरक्षक आशुतोष शुक्ला, आरक्षक ओमप्रकाश पारगी (थाना बघाना), आरक्षक दशरथ मालवीय, आरक्षक कुलदीप सिंह, आरक्षक लखन प्रताप सिंह, आरक्षक मधुसूदन ने अंधे कत्ल का खुलासा करने के लिए 24 घंटे लगातार साक्ष्य जुटाकर टीम आरोपी की पहचान कर उसके घर पहुंची। जहां दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार किया। इस सराहनीय कार्य के लिए एसपी अंकित जायसवाल ने पूरी टीम को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। प्रकरण हाई प्रोफाईल होने के कारण पुलिस महानिदेशक मप्र को पुलिस टीम को पुरस्कृत करने के लिए प्रस्ताव प्रेषित गया है।












