जीरन से पीड़ितजन पहुंचे एसपी व एसडीएम कार्यालय, ज्ञापन सौंपा, दोषियों पर कार्रवाई की मांग

नीमच। जीरन तहसील मुख्यालय पर बोहरा समाज क बाग की बेशकीमती जमीन पर कब्जा करने का मामला सोमवार को फिर से गरमा गया। दोपहर में कुछ लोग हथियारों से लेस होकर जमीन पर कब्ज करने पहुंचे। बोहरा समाज के जिन लोगों का जमीन पर कब्जा हो उन्हें धमकी देते हुए ट्रैक्टर से खेत हांक दिया। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। इस पूरे मामले में नीमच निवासी कॉलोनाइजर प्रबुद्ध भारद्वाज के लोगों का नाम आ रहा है। करीब सात माह पहले भी इसी जमीन को लेकर विवाद हुआ था। उस समय मौके पर भारद्वाज सहित उसके लोग उपस्थित थे। पीड़ित परिवार ने इस संबंध में जीरन थाने में नामजद आवेदन दिया था। पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने के कारण यह मामला सोमवार को फिर से गरमा गया। इससे बोहरा समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया। उन्होंने जिला मुख्यालय पर एसपी व एसडीएम को ज्ञापन देकर धमकी देने व दादागिरी कर पुस्तैनी जमीन को हथियाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मुस्तन बोहरा ने बताया कि जीरन में हमारी पुस्तैनी जमीन है। जिसका केस हम सर्वोच्च न्यायालय से 2022 में जीत गए है। इसके बाद भी नीमच के कुछ भूमाफिया ने फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवा ली और जमीन हथियाने के लिए गुंडागर्दी पर उतर आए हैं। सोमवार को एक भूमफिया के यहां काम करने वाले कुछ लोग मौके पर आए और गुमटी रखकर जमीन पर कब्जा करने के साथ ट्रैक्टर से पूरा खेत हंवाक दिया। जब परिवार के लोग विरोध करने पहुंचे तो हथियार दिखाते हुए जमीन नहीं छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दी। हमारे द्वारा जीरन थाने पर सूचना दी गई। कुछ देर में पुलिस पहुंची तब तक यह लोग मौके से चले गए। इन लोगों में मुख्य रूप से हरवार निवासी रघुनन्दन जाट जो प्रबुद्ध भारद्वाज के यहां काम करता है। वहीं कुछ लोगों को लेकर आया था। पूर्व में भी हमारे द्वारा इनकी नामजद शिकायत दर्ज करवाई है। आज की घटना के बाद फिर से एसपी व एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन दिया है। जिसमें नामजद लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। ज्ञापन देते समय शब्बीर हुसैन पिता ताहिर अली, यूसुफ पिता फखरुद्दीन, मुईज हुसैन, खैरुनबाई पिता ताहिर अली, जैहराबाई पति फखरूद्दीन, खोजेमा पिता फखरुद्दीन बोहरा, यासमीन उर्फ तसलीम पिता फखरूद्दीन , फरिदा और फातेमा बोहरा समस्त निवासी जीरन उपस्थित थे।
इस विवाद से मेरा कोई लेना-देना नहीं है- प्रबुद्ध
इस संबंध में कॉलोनाइजर प्रबुद्ध भारद्वाज से जननीमच ने बात की तो उन्होंने कहा कि मेरा इस जमीन व विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। मेरा नाम लेकर बदनाम किया जा रहा है। रघुनंदन मेरे यहां काम करता है। वह किसके लिए जीरन में खेत हंकवाने गया इसकी मुझे जानकारी नहीं है। पूर्व में एक बार यह जमीन देखने जरूर गया था। सोमवार को पीड़ित परिवार द्वारा दिए आवेदन में मेेरे नाम का कोई उल्लेख नहीं है। फिर भी कुछ लोग इस विवाद में मेरा नाम जोड़ रहे हैं।
ग्वालियर स्टेट के समय से जमीन ताहिर अली के नाम
जीरन में सर्वें नंबर 613,614,615, 616, 617,618 में करीब 3 बीघा जमीन है, जो ग्वालियर स्टेट के समय से ही ताहिर अली बोहरा को पट्टे पर मिली थी, वर्तमान में उनके परिवार के शब्बीर हुसैन, युसूफ, मुईज, खैरूनबाई, जैहराबाई, खोजेमा, यासमीन, फरिदा, फातेमा का कब्जा है। इस भूमि को लेकर शंकर पिता सदाशिव राव एवं उनके परिजन पूर्व में राजस्व मंडल से लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचे। लेकिन उनकी अपील खारिज हो गई। हाईकोर्ट के आदेश के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण क्रमांक सिविल अपील 3929/2009 दर्ज हुई। लेकिन 29 नवंबर 2023 को उक्त अपील को खारिज कर दिया। लेकिन शंकरराव पिता सदाशिवराव के पुत्र प्रकाश राव ने राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज हाेने का अवैध फायदा उठाते हुए हरदेव भाटी, सत्यनाराण पिता नंदकिशोर पाटीदार को 21 अक्टूबर 2020 को उक्त जमीन विक्रय कर दी।
विभाग में लेट लतीफी से राजस्व रिकार्ड में नाम दर्ज नहीं हो रहा
बोहरा परिवार ने इसे फर्जी रजिस्ट्री करार दिया है। वहीं उनके वैध वारिस के नाम पर जमीन दर्ज करवाने के लिए पूर्व में आवेदन भी दे दिए थे। लेकिन एसडीएम-तहसील कार्यालय में लेटलतीफी के चलते राजस्व रिकाॅर्ड में उनका नाम दर्ज नहीं किया गया। जबकि राजस्व मंडल से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उक्त जमीन को लेकर केस जीत चुके है। यह जमीन वर्ष 2024 में फिर बिक गई। हरदेव भाटी और सत्यनारायण पिता नंदकिशोर पाटीदान ने 25 अक्टूबर 2024 को प्रतापगढ के ज्योतिप्रकाश पिता बाबूलाल को क्रय कर दी है। पीडित बोहरा समाज के व्यक्तियों द्वारा एसपी को दर्ज करवाई शिकायत में बताया गया कि दो बार उक्त भूमि की धोखाधड़ी पूर्वक रजिस्ट्री हुई है। इस मामले में रसूखदार लोग शामिल होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। 30 अक्टूबर 2024 को नीमच के प्रबुद्ध के साथी देवकीनंदन जाट व राहुल गोस्वामी ने कब्जा करने की कोशिश की और जान से मारने की धमकी दी गई थी। इस संबंध में जीरन थाने व एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। सोमवार को फिर रघुनंदन जाट व देवकीनंदन जाट आदि को भेजकर प्रार्थीगणों के खेत को जबरन हंकवाने का प्रयास किया। खुलेआम धमकी दी गई कि कब्जा नहीं छोडा गया तो जान से खत्म कर देंगे। राजस्व रिकार्ड में नाम दर्ज करवाने और उक्त भूमि को लेकर पीडित परिवार ने नीमच अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय पर भी आवेदन दिया है।












